ज़िन्दगी माँग रही है मुझसे, हर पल का हिसाब। और मैं, उन पलो में अपनी उम्र तलाश कर रहा हूँ ।। यूँ तो दुनियाँ में मेरी पहचान, मेरे नाम से हैं । और मैं, अपने नाम में अपना वज़ूद तलाश कर रहा हूँ।।
ज़िन्दगी माँग रही है मुझसे, हर पल का हिसाब। और मैं, उन पलो में अपनी उम्र तलाश कर रहा हूँ ।। यूँ तो दुनियाँ में मेरी पहचान, मेरे नाम से हैं । और मैं, अपने नाम में अपना वज़ूद तलाश कर रहा हूँ।।
लीजिये आपके मित्र के कहने पर हम चले आये ....पंक्तिया छू गई ....लिखते रहिये .....!!
यूँ तो दुनियाँ में मेरी पहचान, मेरे नाम से हैं ।
ReplyDeleteऔर मैं, अपने नाम में अपना वज़ूद तलाश कर रहा हूँ.....
खुद के वजूद को तलाशना ही जीवन का सार है .......... आपने बहुत अच्छा लिखा है .......
बहुत ही अच्छी रचना,वास्तव में हम सब जिंदगी भर अपना वजूद तलाशते रहते है..
ReplyDeleteक़ाबिले-तारीफ़ है।
ReplyDeleteज़िन्दगी माँग रही है मुझसे, हर पल का हिसाब।
ReplyDeleteऔर मैं, उन पलो में अपनी उम्र तलाश कर रहा हूँ ।।
यूँ तो दुनियाँ में मेरी पहचान, मेरे नाम से हैं ।
और मैं, अपने नाम में अपना वज़ूद तलाश कर रहा हूँ।।
लीजिये आपके मित्र के कहने पर हम चले आये ....पंक्तिया छू गई ....लिखते रहिये .....!!
bahut achha likhte hain aap bahut khoob
ReplyDeletebahut sahee baat insan vajudtalashta rah jata hai.......
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी रचना,वास्तव में हम सब जिंदगी भर अपना वजूद तलाशते रहते है..
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