नारी कोमल भी, नारी शक्ति भी,
नारी इश्वर मे लीन भक्ति भी ।
नारी बेटी, बहन, माँ और पत्नी का प्यार भी,
नारी अपने में सिमटा पूरा संसार भी ॥
बेटी बन, पिता की इज़्जत पर आँच ना आने दिया ।
बहन बन, भाई के पास किसी बला को ना जाने दिया ॥
पत्नी बन, पति का जीवन सँवार दिया ।
और माँ बन, सारी बलाईयाँ अपने सर लिया ।
भूखे पेट रहकर, परिवार को खिलाने की ममता नारी में।
निगाहों मे अश्क लेकर मुस्कुराने की क्षमता नारी में ॥
मैका भुलाकर, ससुराल को अपनाने का ज़ज्बा नारी में ।
सुहाग के लिये, यमराज से टकराने का हौसला नारी में ॥
ज़िन्दगी मे नारी की मर्यादा का मान किजीये ।
सरेबाज़ार ना उसकी आबरू कभी निलाम किजीये ॥
वक्त के साथ बेटी ही होती हैं, माँ की ममता का रूप,
जन्म लेने से पहले उसके कफ़न का ना इन्तेजाम किजीये ॥
Bahut sundar shabdo me sanjo kar sundar bhavanaao ke sath nari swarup ka chitran kiya aapane...Badhai
ReplyDeleteHappy Women's Day !!
उम्दा संदेश देती रचना.
ReplyDeleteविश्व की सभी महिलायों को अंतर राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं.
बहुत ही बेहतरीन कविता लगी , बधाई स्वीकार्य करें ।
ReplyDeleteबहुत सुंदर रचना ... अच्छा संदेश छिपा है ...
ReplyDeleteनारी कोमल भी, नारी शक्ति भी,
ReplyDeleteनारी इश्वर मे लीन भक्ति भी ।
नारी बेटी, बहन, माँ और पत्नी का प्यार भी,
नारी अपने में सिमटा पूरा संसार भी ॥
bahut acchee kavita atulneey..............
naari ke vibhinn swaroopon ka bahut hi achche dhang se chi ran kiya hai. aati sundar post .
ReplyDeletepoonam
बहुत ही सुन्दरता से आपने नारी के हर रूप का चित्रण बखूबी प्रस्तुत किया है! उम्दा रचना!
ReplyDeleteमहिला दिवस पर ये भावभीनी कविता के लिये आपको बहुत बधाई ।
ReplyDeletebahut khub kavita hai ......
ReplyDeleteभूखे पेट रहकर, परिवार को खिलाने की ममता नारी में।
ReplyDeleteनिगाहों मे अश्क लेकर मुस्कुराने की क्षमता नारी में ॥
मैका भुलाकर, ससुराल को अपनाने का ज़ज्बा नारी में ।
सुहाग के लिये, यमराज से टकराने का हौसला नारी में ॥
bahut sundar varnan ,umda
बहुत ही बेहतरीन कविता लगी , बधाई स्वीकार्य करें ।
ReplyDeletemeree 100th post DARPAN par aapke hastakshar nahee mile kamee akharee ........:)
ReplyDelete