Friday, July 2, 2010

अरमान - दिल के

उन निगाहों के आईने में नज़र आता मेरा चेहरा,
खुदा करे की ये मंज़र बरकरार, बस यूँ ही रहे ।
उफ़,ये बारिश और चमकती बिजली की गरगराहट,
और वो सीने से हमारे लिपटकर, बस यूँ ही रहे ॥

आज फिर एक लहर उम्मीद की उठ कर रह गई,
दिल के समन्दर पर आया ये तूफ़ान, बस यूँ ही रहे ।
कत्ल करके ज़िन्दा रखने का हुनर कोई उनसे सीखे,
हम पर मेहरबान उनकी ये निगाहें, बस यूँ ही रहे ॥

उनके इश्क मे हमने ज़माने की नफ़रत मोल ली,
घाटा हो या मुनाफ़ा,ये सौदा दिल का,बस यूँ ही रहे ।
उनके होठों पर मुस्कान,चाहे हो हमारे निगाहों में आँसू,
ये मासूम अरमान दिल के बरकरार, बस यूँ ही रहे ॥

10 comments:

  1. Bahut maasoom aur pyare armaan hain dilke!Ameen!

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  2. खुबसूरत शेर दिल की गहराई से लिखा गया बधाई

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  3. बहुत खूब । शुभकामनायें

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  4. खूबसूरती से लिखे एहसास...बहुत बढ़िया

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  5. Kshama se sahmat pooree tour par
    aameen

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  6. उदात्त भावों की सहज अभिव्यक्ति ।
    प्रशंसनीय ।

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  7. कत्ल करके ज़िन्दा रखने का हुनर कोई उनसे सीखे,
    हम पर मेहरबान उनकी ये निगाहें, बस यूँ ही रहे ॥

    Poet has expressed his emotions beautifully.

    Bahut sundar rachna.

    badhai.

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  8. मुहब्बत में सराबोर रचना ,अच्छे अरमान ।

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  9. उनके होठों पर मुस्कान,चाहे हो हमारे निगाहों में आँसू,
    ये मासूम अरमान दिल के बरकरार, बस यूँ ही रहे ...

    ये तो उनकी एक अदा है ... बहुत खूबसूरत नज़्म है ...

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