उन निगाहों के आईने में नज़र आता मेरा चेहरा,
खुदा करे की ये मंज़र बरकरार, बस यूँ ही रहे ।
उफ़,ये बारिश और चमकती बिजली की गरगराहट,
और वो सीने से हमारे लिपटकर, बस यूँ ही रहे ॥
आज फिर एक लहर उम्मीद की उठ कर रह गई,
दिल के समन्दर पर आया ये तूफ़ान, बस यूँ ही रहे ।
कत्ल करके ज़िन्दा रखने का हुनर कोई उनसे सीखे,
हम पर मेहरबान उनकी ये निगाहें, बस यूँ ही रहे ॥
उनके इश्क मे हमने ज़माने की नफ़रत मोल ली,
घाटा हो या मुनाफ़ा,ये सौदा दिल का,बस यूँ ही रहे ।
उनके होठों पर मुस्कान,चाहे हो हमारे निगाहों में आँसू,
ये मासूम अरमान दिल के बरकरार, बस यूँ ही रहे ॥
Bahut maasoom aur pyare armaan hain dilke!Ameen!
ReplyDeleteखुबसूरत शेर दिल की गहराई से लिखा गया बधाई
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeleteबहुत खूब । शुभकामनायें
ReplyDeleteखूबसूरती से लिखे एहसास...बहुत बढ़िया
ReplyDeleteKshama se sahmat pooree tour par
ReplyDeleteaameen
उदात्त भावों की सहज अभिव्यक्ति ।
ReplyDeleteप्रशंसनीय ।
कत्ल करके ज़िन्दा रखने का हुनर कोई उनसे सीखे,
ReplyDeleteहम पर मेहरबान उनकी ये निगाहें, बस यूँ ही रहे ॥
Poet has expressed his emotions beautifully.
Bahut sundar rachna.
badhai.
मुहब्बत में सराबोर रचना ,अच्छे अरमान ।
ReplyDeleteउनके होठों पर मुस्कान,चाहे हो हमारे निगाहों में आँसू,
ReplyDeleteये मासूम अरमान दिल के बरकरार, बस यूँ ही रहे ...
ये तो उनकी एक अदा है ... बहुत खूबसूरत नज़्म है ...