Tuesday, January 12, 2010

हौसला

हालात से लड़कर तकदीर बदलने का इरादा रखते है !
हम तुफानो में भी कश्ती उतारने का हौसला रखते है !!
बाजू काटकर , हमे कमज़ोर ना समझ, ए नासमझ ,
हम ताकत अपने हाथों में नहीं , जिगर में रखते है !!

21 comments:

  1. दिपायन कंठा जी,
    यह जानकार खुशी हुई कि आप अजय जी के मित्र है इस ब्लॉग मंडली में आपका तहे दिल से स्वागत है !

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  2. मित्र , ब्लोग्गिंग की इस अद्भुत दुनिया में आपका स्वागत है, नियमित रूप से लेखन और पठन करें , आगे के लिए शुभकामनाएं। मित्र अजय जी ने आपके ब्लोग तक पहुंचाया , आगे से खुद पहुंच जाए सो फ़ौलोवर बन गए
    अजय कुमार झा

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  3. आपका ब्लॉग जगत में ह्रदय से स्वागत है |
    बहूत सुन्दर कविता के भाव है आज" राष्ट्रीय युवा दिवस "है ऐसी ही युवा शक्ति अपने इरादों से सुखद परिवर्तन ला सकती है |
    आभार

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  4. दिपायन जी, अजय जी से आपके ब्‍लाग की जानकारी मिली, आपका ब्‍लाग जगत में बहुत-बहुत स्‍वागत है, सुन्‍दर शब्‍दों के साथ बेहतरीन अभिव्‍यक्ति, शुभकामनाओं के साथ बधाई ।

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  5. आपके हाथों की मजबूती जानकर प्रसन्‍नता हुई।
    अब एक नया मुहावरा बन गया है
    हाथों में जिगर रखना

    इसका अर्थ आप ही बतलायेंगे
    या हमें किसी और से पूछने
    के लिए रवाना होना होगा।

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  6. स्वागत है आप का ,हमारी दुनिया में

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  7. स्वागत है आपका , बहुत उर्जावान रचना....बधाई

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  8. इस नए वर्ष में नए चिट्ठे के साथ आपका ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. आपकी भावनाएं बहुत अच्‍छी है .. बढिया अभिव्‍यक्ति भी है आपकी .. आप बहुत नाम यश प्राप्‍त करते हुए अपने लक्ष्‍य में कामयाब हों .. हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं !!

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  9. अजयजी के माध्यम से आपके ब्लॉग के बारे में जानकारी मिली । रचना मे अद्भुत ताज़गी है। शुभकामनाएं।

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  10. हार्दिकं शुभ कामनाएं स्वीकारिये जी

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  11. आपका हार्दिक स्वागत है। बस इस उत्साह को बनाये रखिये।
    अजय कुमार जी तो मार्ग दर्शन करते ही रहेंगे।
    शुभकामनायें।

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  12. हिंदी ब्लॉगजगत में आपका स्वागत है |

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  13. आपका स्वागत है |

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  15. Baadal ko aage aur aage jaane do
    Hum toh baarish par nazar rakhte hai......

    Samundar mai toofan aksar aate hai
    Hum phir bhi mauzo par kashti rakhte hai......

    Darakht par bhi dhoop ka asar hota hoga
    Baawzud isske woh hum par saaya rakhte hai....

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  16. दीपायन भाई आप का स्वागत है अजय जी द्वारा आप के ब्लॉग का पता मिला !

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  17. बाजू काटकर , हमे कमज़ोर ना समझ, ए नासमझ ,
    हम ताकत अपने हाथों में नहीं , जिगर में रखते है ...

    बहुत खूब .. लाजवाब लाइने हैं ...... जुनून बढ़ाती ..... जोश उठाती ........

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  18. हालात से लड़कर तकदीर बदलने का इरादा रखते है !
    हम तुफानो में भी कश्ती उतारने का हौसला रखते है !!
    बाजू काटकर , हमे कमज़ोर ना समझ, ए नासमझ ,
    हम ताकत अपने हाथों में नहीं , जिगर में रखते है !!
    Ye housala bana rahe sadaivye hee dua hai .......

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  19. रचना मे अद्भुत ताज़गी है। शुभकामनाएं।

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  20. बहुत बढ़िया .....

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