मेरी ज़िन्दगी के बीते हुए उन पलो को शायद तुम भूल गये,
तुम्हारी ज़िन्दगी का गुजरा हुआ हर लम्हा लेकिन, याद है मुझे ॥
मेरे निगाहों का दर्द महसूस करना आज, शायद तुम भूल गये,
तुम्हारे होठों को छूकर जाने वाली हर मुस्कान, याद है मुझे ॥
आज मेरा हाथ पकड़कर सहारा देना, शायद तुम भूल गये,
नन्हीं उंगलियाँ पकड़कर तुम्हे चलना सिखाना, याद है मुझे ॥
मेरे साथ बैठकर दो बाते करना आज, शायद तुम भूल गये ,
तुम्हारी तोतली ज़ुबान से पहली बार पापा कहना, याद है मुझे ॥
आज मेरे लिये थोड़ा सा वक्त निकालना, शायद तुम भूल गये,
तुम्हारे साथ हर रात जागकर कहानियाँ सुनाना, याद है मुझे ॥
सफर पर निकलते वक्त आशिर्वाद लेना आज, शायद तुम भूल गये,
खुदा से तुम्हारी सलामती की दुआ माँगना आज भी, याद है मुझे ॥
ठंठ मे सिकुड़ते इस बदन पर कम्बल डालना, शायद तुम भूल गये,
वो तुम्हारे लिये हर नये फैशन के कपड़े खरीदना, याद है मुझे ॥
अपने नये मकान मे मेरे लिये जगह बनाना, शायद तुम भूल गये,
तुम्हारे पढ़ाई के लिये अपना पुशतैनी ज़मीन बेचना, याद है मुझे ॥
आज अपने से दूर भेज कर मिलने आना, शायद तुम भूल गये,
बचपन मे मेरे घर आने पर मुझसे आकर लिपटना, याद है मुझे ॥
मेरी ज़िन्दगी के बीते हुए उन पलो को शायद तुम भूल गये,
तुम्हारी ज़िन्दगी का गुजरा हुआ हर लम्हा लेकिन, याद है मुझे ॥
bahut hi dard bhari rachna...
ReplyDeletemeri puraani kavita ki yaad taaza kar di aapne...
sach mein kabhi jaan bujh kar kabhi anjaane me hum apne mata pita ko dukh ke aalawaa kuch nahi lauta paate.....
आज अपने से दूर भेज कर मिलने आना, शायद तुम भूल गये,
ReplyDeleteबचपन मे मेरे घर आने पर मुझसे आकर लिपटना, याद है मुझे ॥
मेरी ज़िन्दगी के बीते हुए उन पलो को शायद तुम भूल गये,
तुम्हारी ज़िन्दगी का गुजरा हुआ हर लम्हा लेकिन, याद है मुझे ॥
Yahi dard ek maa ka bhi hota hai...bachhe apne jeevan me masroof ho jate hain...aur mata-pita raah takte rah jate hain..
Ek link deti hun...shayad aap padhna pasand karen!
http://shamasansmaran.blogspot.com
Aalekh:
1)Laut aao mere ladlon..
2)Jaa,ud jare panchhee!
पहली बार आया आपके ब्लॉग पर ...बहुत अच्छा लगा ...इंसानी रिश्ते की स्थति पर बेहद विचारणीय रचना का सृजन किया है ....यह बहुत से लोगो की कहानी है ...साधे शब्दों में एक सुन्दर कविता बन पड़ी ..आपका आभार और बधाई .....//// यहाँ भी आकर सुझाव दे
ReplyDeletehttp://athaah.blogspot.com/
अपने नये मकान मे मेरे लिये जगह बनाना, शायद तुम भूल गये,
ReplyDeleteतुम्हारे पढ़ाई के लिये अपना पुशतैनी ज़मीन बेचना, याद है मुझे ॥
मन को छू गयीं ये पंक्तियाँ...
kmaal ki rachna....ghazab...
ReplyDeletepita ka vartmaan hee bete ka bhavishy hoga ye hee sandesh dene fir chalee aaee ise blog par andaza laga sakte hai aap ki lekhan kitna sashakt hai aapka..............
ReplyDeletesahi kaha he aap ne
ReplyDeletewo pita he jise yad he har bat
भावप्रवण रचना ।
ReplyDeleteप्रशंसनीय ।
aaj ka beta to sab kuchh bhul rha hain
ReplyDeletedo wk se koi post nahee .....
ReplyDeletetabiyat to theek hai na.........
slip disc me bahut careful rahana padata hai......
weight uthana jhukna nahee.......
take care..........
aasheesh
kaise ho....?
ReplyDeletetabiyat to theek hai na....
bade ,parivarjan hai na paas me.......
swasthy labh kee mangalkamna ke sath.......
sarita
लिखते रहिये।
ReplyDeletehttp://rajey.blogspot.com/
very nice poem!
ReplyDeleteBahut khub dil ko chuliya apne.....m
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