दो साल बीत गये, मुझे ब्लाग पर कुछ लिखे हुए, वयस्ता के कारण । दफ्तर, कालेज और घर की ज़िम्मेदारियों में खुद के लिये उतना वक्त ही नहीं मिला । उम्मीद है, ब्लाग जगत से नाता टूटा ना होगा ।
इश्वर की मेहेरबानी, बुजुर्गो के आशिर्वाद और आप सबकी दुआओं से मेरा एम.बी.ए. भी पूरा हो गया अभी ।
_________फिलहाल एक यही ख्याल आ रह है ज़हन में : ______________
कुछ वादे ज़िन्दगी से किये थे कभी ।
कुछ पूरे कर दिये, कुछ बाकी है अभी ॥