Thursday, May 9, 2013

दो साल बीत गये, मुझे ब्लाग पर कुछ लिखे हुए, वयस्ता के कारण । दफ्तर, कालेज और घर की ज़िम्मेदारियों में खुद के लिये उतना वक्त ही नहीं मिला । उम्मीद है, ब्लाग जगत से नाता टूटा ना होगा । इश्वर की मेहेरबानी, बुजुर्गो के आशिर्वाद और आप सबकी दुआओं से मेरा एम.बी.ए. भी पूरा हो गया अभी । _________फिलहाल एक यही ख्याल आ रह है ज़हन में : ______________ कुछ वादे ज़िन्दगी से किये थे कभी । कुछ पूरे कर दिये, कुछ बाकी है अभी ॥